Wednesday, December 24, 2025

संसदीय पैनल बोला 1971 के बाद बांग्लादेश से होगी सबसे बड़ी चुनौती।

Published:

तारीख:18/12/2025
पता: नई दिल्ली
संसदीय पैनल बोला 1971 के बाद बांग्लादेश से होगी सबसे बड़ी चुनौती। कांग्रेस सांसद शशी थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामले की संसदीय समिति ने बांग्लादेश के मौजूदा स्थिति को भारत के लिए 1971 के बाद की सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती बताया गया। वहां इस्लामी कट्टरपंथी बड़े पाकिस्तान और चीन का हुआ दखल बांग्लादेश के विकास में सहयोग ही रणनीतिक है। BNP, जमात और कई अन्य संगठनों ने 5 अगस्त 2024 से अब तक भारतीय ऊंचायोग को और 10 से ज्यादा लंबे मार्च आयोजित किया है। और नेशनल सिटीजन पार्टी के नेता हसनत अब्दुल ने रविवार को ढाका में एक रेली में कहीं कि अगर बांग्लादेश की अस्थिर करने की कोशिश की गई तो उसके बदले की आज सीमाओं के पर फैल जाएगी। और उसके बाद उन्होंने बिना भारत का नाम लिए कहा कि, अगर आप हमें अस्थिर करने वालों के सारण दे रहे हैं तो हम 7 सिस्टर्स के अलगाववादियों की भी शरण देंगे। समिति का कहना है कि हालात अराजकता में तो नहीं जाएगी लेकिन भारत को इसे बेहद सावधानी से संभालने होगी। समिति ने सरकार को कई अहम सिफारिश भी सूफी है। साथी यह भी समझाया है कि बांग्लादेश के विकास में सहयोग से ही इसे हल निकाल सकते हैं। बांग्लादेश में अशांति के पीछे इस्लामी कट्टरपंथ का बढ़ना और चीन पाकिस्तान का बढ़ता प्रभाव और शोख हसीना की आप आलमी लीग की राजनीतिक पकड़ का कमजोर होना मुख्य कारण है। समिति ने कहा कि 1971 के चुनौती अस्तित्व और मानवीय संकट से जुड़ी थी, जबकि मौजूदा हालात एक पीढ़ीगत बदलाव, राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन और भारत से दूर होते रणनीतिक जो कब की और इशारा करते हैं।ए एम एम नसीरुद्दीन ने कहां की बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को आम चुनाव होगी । गुरुवार शाम को इसका ऐलान किया। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त। यह चुनाव पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्तापलट के ढेर साल बाद होगा। और वर्तमान में उसका आदेश शशि थरूर है। वह इसमें TMC सांसद अभिषेक बैनर्जी,AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी समेत 30 सांसद सदस्य हैं।

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